स्थानीय परिवाद समिति LCC गठन की प्रक्रिया धारा 5 कहती है कि, स्थानीय परिवाद समिति का गठन जिला अधिकारी की अधिसूचना से करेगा और समुचित सरकार, इस अधिनियम के अधीन शक्तियों का प्रयोग करने या कृत्यों का निर्वहन करने के लिए किसी जिला मजिस्ट्रेट या अपर जिला मजिस्ट्रेट या कलक्टर या उप कलक्टर को प्रत्येक जिले के लिए जिला अधिकारी के रूप में अधिसूचित कर सकेगी। Sec 5, 6, 7, 8
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धारा 5 कहती है कि, स्थानीय परिवाद समिति का गठन जिला अधिकारी की अधिसूचना समुचित सरकार, इस अधिनियम के अधीन शक्तियों का प्रयोग करने या कृत्यों का निर्वहन करने के लिए किसी जिला मजिस्ट्रेट या अपर जिला मजिस्ट्रेट या कलक्टर या उप कलक्टर को प्रत्येक जिले के लिए जिला अधिकारी के रूप में अधिसूचित कर सकेगी।
(2) LCC का गठन और अधिकारिता का अर्थ क्या है ?
धारा 6 कहती है कि, स्थानीय परिवाद समिति का गठन और उसकी अधिकारिता निम्नानुसार होगी :-
(2-1) जिला अधिकारी की जिम्मेदारी व अधिकार क्या है ?
धारा 6 (1) कहती है कि, प्रत्येक जिला अधिकारी, संबंधित जिले में, ऐसे स्थापनों से जहां दस से कम कर्मकार होने के कारण आंतरिक परिवाद समिति गठित नहीं की गई है या यदि परिवाद स्वयं नियोजक के विरुद्ध है, वहां लैंगिक उत्पीड़न के परिवाद ग्रहण करने के लिए "स्थानीय परिवाद समिति" नामक एक समिति का गठन करेगा।
(2-2) ग्रामीण औए जनजातीय क्षेत्र की जिम्मेदारी किस अधिकारी के जिम्मे होती है ?
धारा 6 (2) कहती है कि, जिला अधिकारी, ग्रामीण या जनजातीय क्षेत्र में प्रत्येक ब्लॉक, ताल्लुका और तहसील में और शहरी क्षेत्र में वार्ड या नगरपालिका में परिवाद ग्रहण करने के लिए और सात दिन की अवधि के भीतर उसको संबंधित स्थानीय परिवाद समिति को भेजने के लिए एक नोडल अधिकारी को पदाभिहित करेगा।
(3) LCC के अधिकारिता के क्षेत्र कैसे परिभाषित है ?
धारा 6 (3) कहती है कि, स्थानीय परिवाद समिति की अधिकारिता का विस्तार जिले के उन क्षेत्रों पर होगा, जहां वह गठित की गई है।
(4) LCC का सदस्य कौन बनेगा और कैसे बनेगा ?
धारा 7 स्पष्ट किया गया है कि, स्थानीय परिवाद समिति की संरचना, सेवावृति और अन्य निबंधन तथा शर्ते
(4-1) LCC के सदस्यों का नाम निर्देशन कौन करेगा ?
धारा 7(1) स्पष्ट किया गया है कि,स्थानीय परिवाद समिति, जिला अधिकारी द्वारा नामनिर्देशित किए जाने वाले निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, अर्थात्:
(4-1-क ) अध्यक्ष कौन होगा उसकी पात्रता क्या होगी ?
धारा 7(1-क) कहती है कि, अध्यक्ष, जो सामाजिक कार्य के क्षेत्र में प्रख्यात और महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध महिलाओं में से नामनिर्दिष्ट की जाएगी;
(4-1-क ) LCC की एक महिला सदस्य की पात्रता क्या होगी और वह किस कार्यालय में सेवारत होनी चाहिए ?
धारा 7(1-ख) कहती है कि, एक सदस्य, जो जिले में ब्लॉक, ताल्लुका या तहसील या वार्ड या नगरपालिका में कार्यरत महिलाओं में से नामनिर्दिष्ट की जाएगी:
(4-1-ग) LCC के गैर सरकारी सदस्य कौन होगें ?
धारा 7(1-ग) कहती है कि, दो सदस्य, जिनमें से कम से कम एक महिला होगी, जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध ऐसे गैर-सरकारी संगठनों या संगमों में से या ऐसा व्यक्ति, जो लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित ऐसे मुद्दों से सुपरिचित हो जो विहित किए जाएं, नामनिर्दिष्ट किए जाएंगे ⋙परंतु कम से कम एक नामनिर्देशिती के पास, अधिमानी रूप से विधि की पृष्ठभूमि या विधिक ज्ञान होना चाहिए:
⋙परंतु यह और कि कम से कम एक नामनिर्देशिती, अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों या अन्य पिछड़े वर्गों या केंद्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय की महिला होगी;
धारा 7(1-घ) कहती है कि, जिले में सामाजिक कल्याण या महिला और बाल विकास से संबंधित संबद्ध अधिकारी, सदस्य पदेन होगा ।
(5) LCC के सदस्यों का कार्यकाल कितना होगा ?
धारा 7 (2) में स्पष्ट किया गया है कि, स्थानीय समिति का अध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य, अपनी नियुक्ति की तारीख से तीन वर्ष से अनधिक की ऐसी अवधि के लिए पद धारण करेगा, जो जिला अधिकारी द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए ।
(6) LCC के अध्यक्ष को कब हटा दिया जायेगा ?
धारा 7 (3) में स्पष्ट किया गया है कि, जहां स्थानीय परिवाद समिति का अध्यक्ष या कोई सदस्य
(क) धारा 16 के उपबंधों का उल्लंघन करता है; या
(ख) किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया गया है या उसके विरुद्ध तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन किसी अपराध की कोई जांच लंबित है; या
(ग) किन्हीं अनुशासनिक कार्यवाहियों में दोषी पाया गया है या उसके विरुद्ध कोई अनुशासनिक कार्यवाही लंबित है; या
(घ) अपनी हैसियत का इस प्रकार दुरुपयोग करता है, जिससे उसका अपने पद पर बने रहना लोकहित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला हो गया है,
वहां, यथास्थिति, ऐसे अध्यक्ष या सदस्य को समिति से हटा दिया जाएगा और इस प्रकार सृजित रिक्ति या किसी आकस्मिक रिक्ति को इस धारा के उपबंधों के अनुसार नए नामनिर्देशन से भरा जाएगा।
(7) LCC के बाहरी सदस्य को फीस/ भत्ता कितना मिलेगा ?
धारा 7 (4) में स्पष्ट किया गया है कि, स्थानीय समिति का अध्यक्ष और उपधारा (1) के खंड (ख) और खंड (घ) के अधीन नामनिर्दिष्ट सदस्यों से भिन्न सदस्य स्थानीय समिति की कार्यवाहियां करने के लिए ऐसी फीसों या भत्तों के लिए, जो विहित किए जाएं, हकदार होंगे।
(6) अभिकरण बनेगा अनुदान मिलेगा संपरीक्षा होगी ?
धारा 8 में अनुदान और संपरीक्षा को स्पष्ट किया गया है ,
केंद्र सरकार देगी अनुदान !
(1) केंद्रीय सरकार, संसद् द्वारा इस निमित्त विधि द्वारा किए गए सम्यक् विनियोग के पश्चात् राज्य सरकार को धारा 7 की उपधारा (4) में निर्दिष्ट फीसों या भत्तों के संदाय के लिए उपयोग किए जाने के लिए ऐसी धनराशियों के, जो केंद्रीय सरकार ठीक समझे, अनुदान दे सकेगी।
राज्य सरकार अभिकरण बनायेगी !
(2) राज्य सरकार, एक अभिकरण की स्थापना कर सकेगी और उस अभिकरण को उपधारा (1) के अधीन किए गए अनुदान अंतरित कर सकेगी।
अभिकरण फ़ीस व भत्तों का संदाय करेगा !
(3) अभिकरण, जिला अधिकारी को ऐसी राशियों का, जो धारा 7 की उपधारा (4) में निर्दिष्ट फीसों या भत्तों के संदाय के लिए अपेक्षित हों, संदाय करेगा।
अभिकरण के लेखाओं की होगी संपरीक्षा (4) उपधारा (2) में निर्दिष्ट अभिकरण के लेखाओं को ऐसी रीति से रखा और संपरीक्षित किया जाएगा, जो राज्य के महालेखाकार के परामर्श से विहित की जाए और अभिकरण के लेखाओं को अभिरक्षा में रखने वाला व्यक्ति ऐसी तारीख से पूर्व, जो विहित की जाए, राज्य सरकार को लेखाओं की संपरीक्षित प्रति, उस पर संपरीक्षक की रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत करेगा ।