छत्तीसगढ़ की सशक्त समाजसेवी महिलाओं को जानकारी उपलब्ध करवाने वाले डिजिटल मंच पर प्रकाशित की गई है सारी जानकारी.............. जानिये कैसे आप भी बन सकती है स्कुल, कॉलेज, अस्पताल, उद्योग, शासकीय कार्यालयों जैसे संस्थान के आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य ........................................................ पढ़िए और जानिए एक सशक्त महिला होने का अवसर आपके पास भी कैसे है ! ................................... उम्र, शैक्षणिक योग्यता, राजनैतिक पद जैसे विषय आपको अपनी सशक्त प्रशासनिक भूमिका बनाने से रोक नहीं सकते हैं .................................. क्योकि महिलाओं के मुद्दों को दृढ़ता से रखने की सक्षमता रखने वाली महिला को आतंरिक परिवाद समिति का सदस्य बनाया जाता है .... नीचे लिखी है पूरी जानकारी 👇👇👇
पहल करिये
आंतरिक परिवाद समिति का गठन करवाने के लिए पहल करिये यदि आप कामकाजी महिला है तो अपने कार्यालय में इस समिति का गठन करवाईये और यदि कामकाजी महिला नहीं हैं तो अपने आस पास के कार्यस्थलों में आंतरिक परिवाद समिति बनवाने के लिए पहल करिए
जानकारी मांगिये
आपकी सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करवाना अब आपके हाथों में है क्योंकि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 आपको यह अधिकार प्रदान करता है की आप जिस भी कार्यक्षेत्र में जायेंगे वहां आपको उस कार्यक्षेत्र की आंतरिक परिवाद समिति का संरक्षण मिले इसलिए सभी कार्यस्थलों से आंतरिक परिवाद समिति गठन की जानकारी मांगिये |
भागीदारी दीजिए
जिन कार्यस्थलों के नियोक्ताओं ने स्वविवेक से अपने कार्यस्थल पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया है उन कार्यस्थलों के कामकाजी माहौल को गरिमापूर्ण बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करिए और इस विषय की जानकारी को साझा करने का माध्यम बनिए ।
प्रश्न पुछिये ? जिन कार्यस्थलों पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन नही किया गया है ऐसे कार्यस्थलों के नियोक्ता से प्रश्न पूछिए की क्या कारण है की उन्होंने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के विधि निर्देशो का पालन नहीं किया है क्योंकि आपके प्रश्न सुरक्षित व्यवस्था बनायेंगे
आतंरिक परिवाद समिति का अस्तित्व कायम किया महत्वपूर्ण क्यों है ?
जब महिलाये एक जुट होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए पहल करेंगी तो स्वाभाविक ही है की एक ऐसी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित हो जाएगी जो महिलाओं की समस्याओं को व्यवहारिक दृष्टिकोण से समझेगी और उसका सार्थक क़ानूनी हल निकलने की दिशा में सोचेगी और इस परिकल्पना का आधार स्तंभ आतंरिक परिवाद समिति बनेगी क्योंकि विधि ने इस समिति को निर्णायक और संरक्षण दोनों ही प्रकार का प्राधिकार प्रदान किया है |
आंतरिक परिवाद समिति एक ऐसा तंत्र है जो कार्यस्थल पर कार्यरत मजदूरों, कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रतिनिधियों से मिलकर बनता है और यह तंत्र कामकाजी महिलाओं को व्यवहारिक दृष्टिकोण की सुरक्षा और गरिमामई कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाता है :-
कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर होने वाली छोटी बड़ी समस्याओं का निराकरण निम्न व्यवहारिक पहलुओं पर निर्भर करता हैं जिसके लिए मेरी भागीदारी पहल करती है :-
जनजागृति लाना… परिवार के प्रत्येक जिम्मेदार सदस्यों को कामकाजी महिलाओं की छोटी बड़ी समस्याओं के निराकरण का उपाय बताकर और कानून की जानकारी देने पर उत्पीड़न के निराकरण तंत्र से सार्थक परिणाम हासिल होगा । विश्लेषण करना…जब जनजागृति आयेगी तो प्रत्येक कार्यस्थल के कामकाजी वातावरण की समीक्षा कई स्तरों से होगी और इसकी कमियों को जगजाहिर होने का अवसर मिलेगा जिससे आंतरिक परिवाद समिति सशक्त होकर विधि सम्मत निर्णय ले सकेगी।
प्रशिक्षण देना… कार्यस्थल में कार्यरत सभी लोगों को आंतरिक परिवाद समिति के गठन का उद्देश्य और कार्यवाही प्रक्रिया का ज्ञान होना आवश्यक है तभी कामकाजी वातावरण विधि अपेक्षित बनेगा
कार्यान्वयन करना…कार्यस्थल पर आने वाले सभी लोगो को गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाने के आवश्यक विधि निर्देश नियोक्ता पूरा कर देता है लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते है क्योंकि आंतरिक परिवाद समिति के सभी सदस्यों का कामकाज विधि अपेक्षित तौर पर लेखबद्ध नहीं होता है अतः विधि निर्देशित कार्यान्वयन अवश्य होना चाहिए ।
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के निवारण का महत्वपूर्ण स्थान होता है ।
यौन उत्पीड़न भेदभाव का एक गंभीर रूप है, और इसे बरदाश्त नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह काम में समानता का अवमूल्यन है और काम करने वालों की इज्जत, गरिमा और सलामती के खिलाफ है। सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और मजदूरों को चाहे महिला हो या पुरुष, ऐसे कार्यस्थल पर काम करने का अधिकार है, जो सुरक्षित, आजाद, भेदभाव व हिंसा से मुक्त हो और महिलाओं के लिए अपनी जिम्मेदारियां निभाने में सहायक हो, क्योंकि कार्यस्थल ऐसा स्थान है जहां वे अपने दिन का ज्यादातर समय बिताते हैं।
यौन उत्पीड़न वाला कामकाजी वातावरण बेहद नुकसानदायक साबित होता है
यौन उत्पीड़न के बाद उसके शिकार व्यक्ति पर बहुत गहरा नकारात्मक असर पड़ता है। उसे मानसिक पीड़ा, शारीरिक पीड़ा और व्यवसायिक घाटे झेलने पड़ते हैं। जो कर्मचारी यौन उत्पीड़न का शिकार होता है, उसकी क्षमता के विकास की संभावना बहुत कम हो जाती है। इसका नकारात्मक असर सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता बल्कि पूरे संस्थान में काम कर रहे बाकी कर्मचारी और समूचा कार्यस्थल इससे प्रभावित होता है lAbout us हमारा परिचय
मेरी भागीदारी कामकाजी महिलाओं को उनके अधिकार की जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से संचालित एक वेब साईट है जो प्रत्येक ऑफिस, उद्योग, अस्पताल और बाजार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर गरिमामई कामकाजी वातावरण स्थापित करवाने के लिए जन-जागरूकता लाने का सामाजिक योगदान दे रही है और अपनी सामाजिक भागीदारी डिजिटल माद्यम से पूरी कर रही है |
मेरी भागीदारी द्वारा आयोजित संगिष्ठी, प्रशिक्षण एवं कार्यशाला किसके लिए है और इसकी... आवश्यकता क्यों है… जनिये !
समाज सेवी लोगो के लिए… लैंगिक उत्पीड़न निवारण हेतु आवश्यक व्यवहारिक तंत्र स्थापित करने में सबसे अहम भूमिका समाज सेवी लोगों की होती है क्योंकि समाज सेवी निष्पक्ष होकर व्यथित महिला और प्रत्यर्थी (आरोपी) दोनो का पक्ष निर्भीकता से आंतरिक परिवाद समिति के समक्ष रख सकते है तथा शासकीय एवं अशासकीय दोनो ही प्रकार के कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन और कार्यान्वयन कार्यवाही करने के विधिक निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने का जनहितकारी माहौल बना सकते है इसलिए विधि ने आंतरिक परिवाद समिति में भी एक सदस्य समाज सेवा से जुड़े लोगों को बनाने की विधिक बाध्यता अधिनियमित की है । अतः समजेवकों तक लैंगिक उत्पीड़न निवारण के विभिन्न व्यवहारिक पहलू की जानकारी पहुंचने के लिए मेरी भागीदारी वेब साईट अपनी सामाजिक भागीदारी दे रही है ।
आंतरिक परिवाद समिति के सदस्यों के लिए…
आतंरिक परिवाद समिति के निर्णायक कार्यवाही तंत्र में अधिकारी, कर्मचारी, मजदूर और
सामाजिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व आंतरिक परिवाद समिति के सदस्य करते है जिसके
कारण आंतरिक परिवाद समिति द्वारा लिया गया निर्णय पूर्ण लोकतांत्रिक व्यवहार शैली
से लिया गया निर्णय सामान्य परिस्थितियों में सर्वमान्यता से अभिप्रमाणित माना
जाता है अतः आंतरिक परिवाद समिति के सदस्यों तक लैंगिक उत्पीड़न निवारण के विभिन्न
व्यवहारिक पहलू की जानकारी पहुंचने के लिए मेरी भागीदारी वेब साईट जनहित के लिए
अपनी सामाजिक भागीदारी दे रही है ।
लैंगिग उत्पीड़न जैसे घृणित अपराध को प्रत्येक कार्यस्थल पर रोकने के लिए महत्वपूर्ण निर्णायक भूमिका विधि द्वारा आंतरिक परिवाद समिति के पीठासीन अधिकारी को सौपी गई है अतः आवश्यक है कि पीठासीन अधिकारी के पास लैंगिक उत्पीड़न निवारण के विभिन्न विधिक पहलुओं और व्यवहारिक कार्यवाही संपादन के विषयों की जानकारी उपलब्ध रहे मेरी भागीदारी वेब साईट इसी जानकारी को उपलब्ध करवाने के जनहित के कार्य में अपनी भागीदारी दे रही है ।
नियोक्ता कंपनी, फार्म एवं... संस्थाओं के लिए
महिलाओं
का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध
और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 और नियम
का विधि निर्देष है की प्रत्येक कार्यालय में आंतरिक परिवाद समिति का गठन एवं कार्यान्वयन
विधि अपेक्षानुसार नियोक्ता द्वारा सुनिश्चित करवाया जाए मेरी भागीदारी वेब साईट पर
उपलब्ध लेख सामग्री नियोक्ता के लिए आवश्यक विषय सामग्री उपलब्ध करवा रही है l
विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं अस्पताल प्रबंधन के लिए ... प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों और चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े उपचारगृह में लैंगिक उत्पीड़न निवारण के लिए विशेष कानूनी प्रावधान विधि द्वारा स्थापित किए गए हैं क्योंकि इन स्थानों पर महिलाओं की सतत उपस्थिति बनी रहती है और गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए नियोक्ता को विशेष कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता होती है । अतः शैक्षणिक एवं चिकित्सा सेवा प्रदायकर्ता संस्थानों तक लैंगिक उत्पीड़न निवारण के विभिन्न व्यवहारिक पहलू की जानाकारी पहुंचने के लिए मेरी भागीदारी वेब साईट अपनी सामाजिक भागीदारी दे रही है ।