स्कुल, महाविद्यालय, बैंक, शासकीय और अशासकीय कार्यालय, नगर निगम, उद्योग जैसे सार्वजनिक महत्त्व के स्थानों की आतंरिक शिकायत समिति की बाहरी सदस्य के रूप में आप भी अपनी अलग पहचान बना सकतीं है लेकिन इसके लिए आपको महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013 को जानना और समझना पड़ेगा और इसी के विधि निर्देशानुसार आपको प्राधिकृत किये गए अधिकारों से कामकाजी महिलाओं को विधिक संरक्षण देने का अवसर मिलेगा जानिये कैसे ?
अवसर है आपके पास आपकी पहचान को सामाजिक महत्त्व वाले स्थान पर स्थापित करने का, इसलिए पहल करिये ! कामकाजी महिलाओं को लैंगिक उत्पीडन से बचाने
के लिए, आप अपनी नागरिक जिम्मेदारी निभाकर, आपके सामाजिक
योगदान को सुनिश्चित करवाना चाहती है तो अग्रलिखित प्रश्नों के उत्तर आपको जानना और
समझना आवश्यक है :-
कार्यस्थल
पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन को रोकने के लिये शासन ने क्या कुछ किया है ? उत्तर
- कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित करवाने के लिए शासन ने 22 अप्रैल,
2013 को एक अधिनियम बनाया है जिसका नाम - महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन
(निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013
शासन
ने यह अधिनियम क्यों बनाया है ? कार्य स्थल पर महिलाओ के
मान-सम्मान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य प्राप्ति के लिए और महिला सम्मान को
संरक्षित करने वाले कानून को प्रतिस्थापित कर प्रशासनिक तंत्र के प्राधिकारो को एक
अधिनियम में संकलित करने के लिए यह अधिनियम शासन ने बनाया है |
इस
अधिनियम में किन-किन विषयों पर कार्यवाही करने के विधि निर्देश है ? महिलाओं
के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवादों के
निवारण तथा प्रतितोषण और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के
लिए अधिनियम में स्पष्ट विधि निर्देश दिया है इसलिए ऐसी अवांछित समस्याओं जो की लैंगिकं
उत्पीडन से संबंधित है इनका सामना करने के
लिए महिलाये इस अधिनियम का सहारा ले सकती हैं |
इस
अधिनियम से महिलाओं को क्या-क्या लाभ मिलेगा ?
महिलाओ को
उनके कार्य स्थल पर ही एक ऐसा विधि प्रमाणित तंत्र मिलेगा जो महिलाओ को लैंगिक
उत्पीडन से संरक्षण दिलवाने की सक्षमता व प्राधिकार रखेगा उल्लेखनीय है की कानून,
प्रशासनिक तंत्र और सामाजिक संयोजन कर महिला संरक्षण कर अपना पक्ष रखने का अवसर
महिलाओ को मिलेगा |
यह
अधिनियम महिलाओ को किन-किन विषयों पर संरक्षण प्रदान करने में सक्षम होगा ? यह
अधिनियम कार्यक्षेत्र में महिलावो को संरक्षण दिलवाने के उद्देश्य से बनाया गया है
ऐसा कार्यक्षेत्र जहाँ महिलाये कार्य करती है या ऐसे कार्य क्षेत्र जहाँ महिलावो
कि उपस्थति रहती है उस तक इस अधिनियम कि पहुँच है | इसलिए महिलायें घर, शासकीय और अशासकीय
कार्यालय, उद्योग, स्कुल, महाविद्यालय, जहाँ कहीं भी नियोजित होंगी उस कार्यक्षेत्र
में यह अधिनियम कामकाजी महिलाओं का संरक्षण करेगा |
छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करवाने के लिए अग्रणी भूमिका निभा रही है