कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013 के संबंध में आधारभूत जानकारी :-
1)कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन को रोकने के लिये शासन ने क्या कुछ किया है ?
उत्तर - हाँ शासन ने 22 अप्रैल, 2013 को एक अधिनियम बनाया है जिसका नाम - महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013
2)शासन ने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013 अधिनियम क्यों बनाया है ?
कार्य स्थल पर महिलाओ के मान-सम्मान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य प्राप्ति के लिए और महिला सम्मान को संरक्षित करने वाले कानून को प्रतिस्थापित कर प्रशासनिक तंत्र के प्राधिकारो को एक अधिनियम में संकलित करने के लिए यह अधिनियम शासन ने यह बनाया है |
3)इस अधिनियम में किन-किन विषयों पर कार्यवाही करने के विधि निर्देश है ?
महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवादों के निवारण तथा प्रतितोषण और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम में स्पष्ट विधि निर्देश दिया है ऐसी समस्याओ का सामना करने के लिए महिलाये इस अधिनियम का सहारा ले सकती हैं |
4)इस अधिनियम से महिलाओ को क्या-क्या लाभ मिलेगा ?
महिलाओ को उनके कार्य स्थल पर ही एक ऐसा विधि प्रमाणित तंत्र मिलेगा जो महिलाओ को लैंगिक उत्पीडन से संरक्षण दिलवाने की सक्षमता व प्राधिकार रखेगा उल्लेखनीय है की कानून, प्रशासनिक तंत्र और सामाजिक संयोजन कर महिला संरक्षण कर अपना पक्ष रखने का अवसर महिलाओ को मिलेगा |
5) यह अधिनियम महिलाओ को किन-किन विषयों पर संरक्षण प्रदान करने में सक्षम होगा ?
यह अधिनियम कार्यक्षेत्र में महिलावो को संरक्षण दिलवाने के उद्देश्य से बनाया गया है ऐसा कार्यक्षेत्र जहाँ महिलाये कार्य करती है या ऐसे कार्य क्षेत्र जहाँ महिलावो कि उपस्थति रहती है उस तक इस अधिनियम कि पहुँच है |
6) भारत का सविधान कामकाजी महिलाओ के अधिकारों को कैसे परिभाषित करता है ?
लैंगिक उत्पीड़न के परिणामस्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 औरअनुच्छेद 15 के अधीन समता तथा संविधान के अनुच्छेद 21 के अधीन प्राण और गरिमा से जीवन व्यतीत करने के किसी महिला के मूल अधिकारों और किसी वृत्ति का व्यवसाय करने या कोई उपजीविका, व्यापार या कारबार करने के अधिकार का, जिसके अंतर्गत लैंगिक उत्पीड़न से मुक्त सुरक्षित वातावरण का अधिकार भी है, उल्लंघन होता है; और लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण तथा गरिमा से कार्य करने का अधिकार, महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के विभेदों को दूर करने संबंधी अभिसमय जैसे अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों और लिखतों द्वारा सर्वव्यापी मान्यताप्राप्त ऐसे मानवाधिकार है, जिनका भारत सरकार द्वारा 25 जून, 1993 को अनुसमर्थन किया गया है; और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से महिलाओं के संरक्षण के लिए उक्त अभिसमय को प्रभावी करने के लिए उपबंध करना समीचीन है;
7) भारत सरकार ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013 को कब लागु किया ?
भारत गणराज्य के चौंसठवे वर्ष में संसद द्वारा २२ अप्रेल २०१३ कि अधिनियम संख्या १३ से लागु हुआ है अब भारतगणराज्य कि निवासी महिलाये इस अधिनियम का विधिक कार्यवाहियों में सहारा ले सकती है |
8) कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष के लिए बनाये गए नियम कानून का वैधानिंक नाम क्या है ?
उत्तर – इसका वैधानिक नाम है महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013
9) इस कानून का विस्तार कहन तक है और इसका प्रारंभ कब हुआ ?
उत्तर - इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है और यह उस तारीख को प्रवृत्त हुआ, जब केन्द्रीय सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत किया है | यह भारत गणराज्य के चौंसठवे वर्ष में संसद द्वारा २२ अप्रेल २०१३ कि अधिनियम संख्या १३ से लागु हुआ है |
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