कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधान सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों पर लागू हैं: श्री अनुराग सिंह ठाकुर
मंत्रालय ने खेलों में यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए समय-समय पर तमाम राष्ट्रीय खेल महासंघों को निर्देश भी जारी किए हैं
कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधान
कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधान तमाम राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) पर लागू होते हैं, जो कि इस अधिनियम में परिभाषित किसी भी इकाई पर लागू होते हैं। रिपोर्ट किए गए यौन उत्पीड़न के मामलों में मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ बाध्य हैं। मंत्रालय ने खेलों में यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए समय-समय पर तमाम राष्ट्रीय खेल महासंघों को निर्देश भी जारी किए हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और वर्तमान में मान्यता प्राप्त सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान यौन उत्पीड़न की शिकायतों के बारे में दी गई जानकारी के आधार पर चार महासंघों ने यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सूचना दी है। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) (पॉश) अधिनियम, 2013 के अनुसार पॉश अधिनियम 2013 के प्रावधान सारे राष्ट्रीय खेल महासंघों पर लागू होते हैं
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने विशाखा और अन्य बनाम राजस्थान राज्य और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को 12.08.2010 को विस्तृत निर्देश जारी किए थे। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) (पॉश) अधिनियम, 2013 के अनुसार पॉश अधिनियम 2013 के प्रावधान सारे राष्ट्रीय खेल महासंघों पर लागू होते हैं। रिपोर्ट किए गए यौन उत्पीड़न के मामलों में मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए सब एनएसएफ बाध्य हैं।
मंत्रालय ने जनवरी 2023 में फिर से आईओए और एनएसएफ को उक्त अधिनियम के संदर्भ में अपनी संरचना और नीतियों की फिर से जांच करने और आवश्यक परिवर्तन/संशोधन करने के लिए लिखा है। मंत्रालय ने आईओए और एनएसएफ से अपने पदाधिकारियों, प्रशिक्षकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और खिलाड़ियों को खेलों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में जागरूक करने के लिए भी कहा है।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), जो कि युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाला एक स्वायत्त निकाय है, उसने एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट निर्देश जारी किए हैं। इस सुनिश्चितता के लिए सभी हितधारकों को इस बारे में जागरूक किया गया है कि हर समय उनसे एक ऐसे उचित व्यवहार की अपेक्षा की जाती है, जो खेल भावना और उचित नैतिक आचरण के केंद्रीय मूल्यों के अनुरूप हो। खेलों में सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए साई खिलाड़ियों के लिए 24X7 हेल्पलाइन भी चलाता है।
एनएसएफ को निम्नलिखित कदम सुझाए गए हैं:
1. घरेलू/अंतर्राष्ट्रीय शिविरों और प्रतियोगिताओं के दौरान महिला कोच को अनिवार्य रूप से महिला एथलीटों के साथ दल का हिस्सा होना होगा।
2. सारे राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों और विदेशी दौरों में अनुपालन अधिकारी (पुरुष और महिला) की नियुक्ति की जाएगी। अनुपालन अधिकारी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में एथलीटों और अन्य लोगों के साथ नियमित रूप से संवाद करना शामिल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। साथ ही साथ खेलों में यौन उत्पीड़न की रोकथाम से जुड़ी मानक संचालन प्रक्रिया को भी लागू किया जा सके। अनुपालन अधिकारी को अन्य कर्तव्यों के अलावा, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अगर कोई सदस्य किसी भी प्रकार के उत्पीड़न की रिपोर्ट करता है, तो उसे जल्द से जल्द जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित करना होगा।
3. प्री-कैंप सेंसिटाइजेशन मॉड्यूल बनाए जाएंगे और किसी भी राष्ट्रीय कोचिंग कैंप और विदेशी कार्यक्रम के शुरू होने से पहले सभी एथलीटों, कोचों और सहायक कर्मचारियों को एक साथ प्रस्तुत किए जाएंगे।
4. संबंधित एनएसएफ द्वारा राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में महिला कोच/सहायक स्टाफ की संख्या बढ़ाना।
केंद्रीय खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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प्रविष्टि तिथि: 20 JUL 2023 by PIB Delhi
एमजी/एमएस/आरपी/जीबी/एजे (रिलीज़ आईडी: 1941308) आगंतुक पटल : 75