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नीति आयोग द्वारा ‘नारी शक्तिः महिला नेतृत्व वाले विकास की ओर’ विषय पर जी20 विषयात्मक कार्यशाला का आयोजन

 Niti Ayog 2.0,आम चुनाव के बाद बदल सकता है नीति आयोग का कलेवर - niti aayog  may unveil a makeover post polls, scripts robust role for itself -  Navbharat Times

नयी दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र 2023 (एनडीएलडी 2023) से उत्पन्न विषय नारी शक्तिः महिला नेतृत्व वाले विकास की ओरपर एक कार्यशाला का आयोजन 8 नवंबर 2023 को नयी दिल्ली में किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन नीति आयोग ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाले संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ व्हट वक्र्स टू एडवांस जेंडर इक्वलिटी (आईडब्ल्यूडब्लयूएजीई)के साथ मिलकर किया। यह कार्यशाला उन सभी विषयात्मक कार्यशालाओं का हिस्सा थी जिनका एनडीएलडी 2023 में दिये गये कार्रवाई विषयों के तहत नीति आयोग द्वारा संचालन और मार्गदर्शन किया जा रहा है।

महिला सशक्तिकरण के लिये कानूनी सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाने पर चर्चा-

कार्यशाला आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के जरिये अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने से जुड़े विशिष्ट विषयों पर केन्द्रित थी। कार्यशाला में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), जैसे महिला समूहों को मजबूत करने, साथ ही महिला-पुरूषों के बीच कौशल अंतर को पाटने और महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने तथा महिला सशक्तिकरण के लिये कानूनी सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई।

कार्यशाला की शुरूआत नीति आयोग के सदस्य डा. वी.के. पाॅल के उद्घाटन संबोधन के साथ हुई जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा पिछले कुछ सालों के दौरान विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के जरिये महिलाओं की अगुवाई में विकास पर जोर देने वाली पहलों का जिक्र किया। हालांकि, उन्होंने श्रम बल में महिलाओं की कम भागीदारी की चुनौती को रेखांकित करते हुये उनके लिये सक्षम परिवेश उपलब्ध कराने और उनकी सामाजिक पूंजी का लाभ उठाने पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय एजेंडा और जी20 प्राथमिकताओं के बीच तालमेल बिठाते हुये  आगे बढ़कर इन्हें हासिल की कार्रवाई योग्य रणनीति तैयार करने का आह्वान किया। महिला और बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव डा. प्रीतम बी. यशवंत ने उस मिसाल के बारे में बताया जहां महिलायें केवल प्राप्तकर्ता नहीं बल्कि विकास कार्यों में सक्रिय भागीदार हैं। उन्होंने आगे कहा कि जी20 सही मायनों में एक लोक अध्यक्षता वाली संस्था है और जहांजन भागीदारीगतिविधियों के जरिये महिला नेतृत्व मे हो रहे विकास को प्रदर्शित किया गया।

डब्ल्यू20 भारत की अध्यक्ष, डा. संध्या पुरेचा ने इस अवसर पर कहा कि नारी शक्ति महिलाओं की ताकत का प्रतीक है और महिलाओं के नेतृत्व में विकास समतापूर्ण समाज के लिये आवश्यक नैतिक दायित्व है।

महिलाओं के लिये सामाजिक सुरक्षा, लैंगिक समावेशी और सहायक कार्यस्थल बनाने के लिये नीतियों को बढ़ाना-

अर्थव्यवस्था में महिलायेंः इसमें महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण बढ़ाने के वास्ते महिलाओं के नेतृत्व में विकास के लिये श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया। घरेलू और देखभाल कार्याें में लैंगिक असमानता को पहचानना जैसे मुद्दे, ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को कार्यबल में शामिल करने में सक्षम बनाने के लिये क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, गिग इकाॅनामी की संभावनाओं को तलाशने, लैंगिक कौशल अंतर को पाटने तथा महिलाओं के लिये सामाजिक सुरक्षा, लैंगिक समावेशी और सहायक कार्यस्थल बनाने के लिये नीतियों को बढ़ाना, महिला कार्यबल बढ़ाने तथा उसे बनाये रखने के लिये निजी क्षेत्र की भूमिका पर चर्चा की गई।

महिला समूह संबंधी विषयः स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने, महिला नेतृत्व वाले एफपीओ और ग्रामीण महिला नेत्त्व क्षमता, महिला समूह क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और पूरे भारत में उनका विस्तार करने की रणनीति पर केन्द्रित हैं। यह खंड बड़े उत्पादक उद्यमों अथवा समूहों के गठन और ग्रामीण महिलाओं के बीच नेतृत्व क्षमताओं को बढ़ावा देने के जरिये इन महिला समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण के अगले चरण तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिये रणनीति विकसित करने में लगा हुआ है।

महिलायें और काम का भविष्य विषयः यह खंड नौकरियों तक पहुंच बनाने के लिये डिजिटल और कौशल संबंधी अंतर को पाटना और महिला उद्यमिता को मजबूत करना, डिजिटल कौशल और बुनियादी ढांचे तक महिलाओं की पहुंच बढ़ाने, गुणवत्ता और सुरक्षा को प्राथमिकता देने, एक सुरक्षित और समावेशी डिजिटल साक्षरता अनुभव सुनिश्चित करने, डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में भागीदारी को  बढ़ावा देने पर केन्द्रित है। इसमें लैंगिक भूमिकाओं को आकार देने वाले संरचनात्मक मुद्दों को संबोधित करते हुये गैर- पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया ताकि महिलाओं की उद्यमशीलता और जीविका आकांक्षाओं के विविधीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके।

महिला सशक्तिकरण के लिये कानूनी सुरक्षा उपायों के वर्ग में बेहतर सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के जरिये महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देकर एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने, प्रभावी निगरानी, मूल्यांकन और जवाबदेही प्रणाली स्थापित करके लिंग-अनुकूल कानूनों के कार्यान्वयन को मजबूत करने और लैंगिक विकास को आगे बढ़ाने तथा महिला नेतृत्व वाले विकास के लिये अधिक साक्ष्य-आधारित नीति के लिये लिंग आधारित अलग अलग आंकड़े विकसित करना शामिल है।  इस कार्यशाला ने लैंगिक सशक्तिगरण पर काम करने वाले विशेषज्ञों, शिक्षाविदोंऔर नागरिक समाज तथा विचारक प्रतिनिधियों को व्यापक लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के लिये मिलकर एक रोड़मैप तैयार करने का मंच प्रदान किया।

एम जी/एआर/आरपी/एम एस/डीएप्रविष्टि तिथि: 09 NOV 2023 by PIB Delhi(रिलीज़ आईडी: 1975994) आगंतुक पटल : 99


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