महिलाओं की व्यवहारिक सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करवाने के लिए शासन ने नियम कानून बना दिया है और प्रत्येक कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति का अनिवार्यतः गठन करने का निर्देश भी जारी कर दिया है... आप भी इस समिति की अधिकृत सदस्य बन सकती है पढ़िए कैसे...
शासकीय कार्यालयों के आंतरिक शिकायत समिति के बाहरी सदस्य बनिए और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाकर महिला शक्तिकरण के लिए अग्रणी भूमिका निभाईये...
आंतरिक शिकायत समिति का महत्व
आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से मुक्त, सुरक्षित और भय-रहित वातावरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह समिति कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत गठित की जाती है।
आंतरिक शिकायत समिति के महत्व के कुछ प्रमुख बिंदु:
1. महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण:
आईसीसी महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करती है।
यह महिलाओं को डर और भय के बिना काम करने का माहौल प्रदान करती है।
2. यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निवारण:
आईसीसी यौन उत्पीड़न की शिकायतों का त्वरित और निष्पक्ष तरीके से निवारण करती है।
यह शिकायतकर्ता और प्रतिवादी दोनों को सुनवाई का अवसर प्रदान करती है।
3. यौन उत्पीड़न के मामलों की गोपनीयता:
आईसीसी यौन उत्पीड़न के मामलों की गोपनीयता बनाए रखती है।
यह शिकायतकर्ता की पहचान और जानकारी को गुप्त रखती है।
4. जागरूकता फैलाना:
आईसीसी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूकता फैलाने का काम करती है।
यह कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न के बारे में शिक्षित करती है और उन्हें इस बारे में जानकारी प्रदान करती है कि यदि वे उत्पीड़न का शिकार होते हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए।
5. कार्यस्थल पर सकारात्मक माहौल बनाना:
आईसीसी कार्यस्थल पर सकारात्मक और उत्पादक माहौल बनाने में मदद करती है।
यह कर्मचारियों के बीच विश्वास और सम्मान को बढ़ावा देती है।
6. आंतरिक शिकायत समिति के गठन के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:
10 या अधिक कर्मचारियों वाले सभी संगठनों को आईसीसी का गठन करना आवश्यक है।
आईसीसी में कम से कम 50% सदस्य महिलाएं होनी चाहिए।
आईसीसी का अध्यक्ष महिला होना चाहिए।
आईसीसी के सदस्यों को यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
7. ध्यान दीजिए :
आंतरिक शिकायत समिति कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। यह महिलाओं को यौन उत्पीड़न से मुक्त और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।