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एनटीपीसी ने बालिका सशक्तिकरण मिशन के नए संस्करण का शुभारंभ किया है, यह कार्यक्रम भारत सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल के अनुरूप है और इसका उद्देश्य लड़कियों की कल्पनाओं को पोषित करके और अवसरों का पता लगाने की उनकी क्षमता को बढ़ावा देकर लैंगिक असमानता को मिटाना है।

meri bhagidari

 बालिका सशक्तिकरण मिशन

  बालिका सशक्तिकरण मिशन (जीईएम) का नया संस्करण लॉन्च करने की तैयारी भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड अपनी प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल, कर रही है।बालिका सशक्तिकरण मिशन यह कार्यक्रम भारत सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल के अनुरूप है व  इसका उद्देश्य यह है कि ,लड़कियों की कल्पनाओं को पोषित करके और उनके अवसरों का पता लगाने की उनकी क्षमता को बढ़ावा देकर लैंगिक असमानता को मिटाना है। बालिका सशक्तिकरण मिशन गर्मी की छुट्टियों के दौरान युवा लड़कियों के लिए पूर्ण १  महीने की कार्यशाला आयोजित कि जाती है और  उसके माध्यम से लड़कियों को  उनके सर्वांगीण उत्थान और विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है।

जीईएम का यह नया संस्करण अप्रैल 2024 से शुरू हुआ ,और  अब  यह नया संस्करण बिजली क्षेत्र के पीएसयू के 42 चिन्हित स्थानों पर समाज के वंचित वर्गों के लगभग ३,000 मेधावी बच्चों को जोड़ेगा। इसके साथ साथ ही इस  बालिका सशक्तिकरण मिशन से लाभान्वित होने वाले बच्चों की कुल संख्या १०,000 से अधिक हो जाएगी।

२०१८  में केवल ३९२  प्रतिभागियों और तीन स्थानों   के साथ एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू किया गया यह जीईएम बालिका सशक्तिकरण  मिशन एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में अब विकसित हुआ है। जीईएम बालिका सशक्तिकरण  मिशन,इससे कुल ७,४२४ लड़कियों को लाभ हुआ है। इसमें प्रत्येक वर्ष  सहभागियों की संख्या लगातार बढ़ती जा  रही है। केवल २०२३  में, भारत के १६  राज्यों में फैले एनटीपीसी के ४०  स्थानों पर २,७०७ लड़कियों ने कार्यशाला में भाग लिया।

बालिका सशक्तिकरण  मिशन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लड़कियों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करता है और इस मिशन का  उद्देश्य उनके नेतृत्व गुणों की पहचान करना और उनका पोषण करना है, ताकि वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें। इस साल की यह कार्यशाला स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, फिटनेस, खेल और योग इन विषयों पर केंद्रित है।

बालिका सशक्तिकरण मिशन के कार्यशाला में कौशल विकास, आत्मविश्वास-निर्माण और समग्र दृष्टिकोण के साथ परामर्श दिया जाता है जिसके लिए इसकी व्यापक प्रशंसा भी होती है। एनटीपीसी का लक्ष्य है कि , लड़कियों को आवश्यक उपकरणों से लैस करके और उन्हें हर वक्त मदद मुहैया कराते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है। बालिका सशक्तिकरण मिशन का उद्देश्य लड़कियों को बदलाव का वाहक बनने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे वे न केवल  बस खुद को बल्कि अपने परिवार, समुदाय और पूरे देश को भी प्रेरित कर सकें***

एमजी/एआर/एके/एसके/एसके(रिलीज़ आईडी: 2017547) आगंतुक पटल : 146 प्रविष्टि तिथि: 09 APR 2024 by PIB Delhi

 

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छत्तीसगढ़ की सशक्त समाजसेवी महिलाओं को जानकारी उपलब्ध करवाने वाले डिजिटल मंच पर प्रकाशित की गई है सारी जानकारी.............. जानिये कैसे आप भी बन सकती है स्कुल, कॉलेज, अस्पताल, उद्योग, शासकीय कार्यालयों जैसे संस्थान के आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य ........................................................ पढ़िए और जानिए एक सशक्त महिला होने का अवसर आपके पास भी कैसे है ! ................................... उम्र, शैक्षणिक योग्यता, राजनैतिक पद जैसे विषय आपको अपनी सशक्त प्रशासनिक भूमिका बनाने से रोक नहीं सकते हैं .................................. क्योकि महिलाओं के मुद्दों को दृढ़ता से रखने की सक्षमता रखने वाली महिला को आतंरिक परिवाद समिति का सदस्य बनाया जाता है .... नीचे लिखी है पूरी जानकारी 👇👇👇

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कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ा कदम

विगत दिंनाक २ सितंबर २०२४ को केंद्र सरकार द्वारा महिला सुरक्षा एवं गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए नियम , कानून को सशक्त बनाया गया है और व्यथित महिलाओंको शिकायत दर्ज कराने के लिए SHe Box शी-बॉक्स नामक इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था स्थापित की गई है , जिसका सह–विस्तार विवरण अग्रलिखित है :  सभी   कार्यस्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करना ! देश में हर एक कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने  केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवीजी  के नेतृत्व में २९ अगस्त २०२४ को आयोजित एक कार्यक्रम में नया शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया है। इस केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण और निगरानी को कारगर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नई दिल्ली में आयोजित इस लॉन्च कार्यक्रम में मंत्रालय की नई वेबसाइट का भी अनावरण किया गया। इन दोनों से ही सरकार की जनता के साथ डिजिटल सहभागिता बढ़ने की उम्मीद है।   केंद्रीय मंत्री ने लॉन्च किया शी-बॉक्स पोर्टल कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ एक ...

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महिलायें क्यों पिछड़ जाति है पहला कारण नियम कानून की जानकारी नहीं होना दूसरा कारण निष्पक्ष सलाहकार का आभाव तीसरा कारण कार्यवाही प्रक्रिया से अवगत करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्त्ता की कमी 1/ नियम कानून की जानकारी नहीं होना इस बात को कहे जाने पर शायद ही दो मत नहीं होगा की महिलाओं को नियम कानून की जानकारी देने का व्यवहारिक तंत्र हमारी शिक्षण व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था में नहीं है जिसके कारण नियम कानून की जानकारी के आभाव में महिलाओं को सुरक्षित और गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाने की शासकीय कार्यवाहियों में महिलाओं की भागीदारी वर्तमान में नहीं के बराबर है जबकि वास्तविकता यह है कि , लैंगिक उत्पीड़न मुक्त कामकाजी वातावरण बनाने के लिए जो शिकायत समिति विधि निर्देशानुसार प्रत्येक कार्यस्थल पर बनाए जाने का प्रावधान है उसमे महिला सदस्यों की संख्या ज्यादा रखकर बहुमत स्थापित किए जाने का विधि निर्देश दिया गया है l 2/ निष्पक्ष सलाहकार का आभाव हमारी सामाजिक और प्रशासकीय व्यवस्था में महिलाओं को निष्पक्ष सलाहकार मिलना आसान नहीं होता है विशेषकर जब महिला किसी भी...

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