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मेरी भागीदारी से जुड़िये - भागीदारी दीजिये

 

मेरी भागीदारी से जुड़िए - सशक्त सामाजिक योगदान दीजिए

क्या है ? मेरी भागीदारी ! मेरी भागीदारी एक डिजिटल मंच है जो महिलाओं के संरक्षण और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विधिक दृष्टिकोण से प्रकाश डालकर उनके व्यवहारिक वस्तुस्थिति से जन सामान्य और सामाजिक कार्यकर्ता का परिचय बढ़ाने का माध्यम बनता है सरल शब्दों में कहें तो मेरी भागीदारी महिला सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी संकलन का ऑनलाइन मध्यम है जो समाज सेवा से जुड़े लोगों को नियम कानून की जानकारी उपलब्ध करवाता है ।

कैसे जुड़े ? मेरी भागीदारी से..! सर्वप्रथम मेरी भागीदारी के फेस बुक पेज, इंस्टाग्राम पेज से जुड़िए और मेरी भागीदारी वेबसाईट पर उपलब्ध लेख सामग्री और वीडियो सामग्री से महिला सुरक्षा व्यवस्था के विधिक एवं व्यवहारिक पहलुओं को जानिए ! अगर आपको मेरी भागीदारी की वेबसाईट से आवश्यक जानकारी आपकी अपेक्षा अनुसार मिलने का सकारात्मक अनुभव होता है तो

  1. अपने अनुभव के आधार परआप भी अपने सोशियाल मीडिया पर मेरी भागीदारी वेबसाईट पर उपलब्ध लेख सामग्री को अपने नाम से प्रकाशित व प्रसारित कर सकते है l
  2. आप अपने आस-पास के लोगो और सोशल मीडिया से जुड़े दोस्तों से महिला सुरक्षा और संरक्षण के तथ्यात्मक विषयों को साझा करने के लिए मेरी भागीदारी वेबसाइट पर प्रकशित लेख सामग्री साझा कर सकते है |
  3.  मेरी भागीदारी के सयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रशिक्षण शिविर एवं कार्यशाला में प्रतिभागी बन सकते हैं । 
  4. आप भी अपने क्षेत्र में महिला अधिकार के लिए जन जागृति कार्यक्रम / बैठके आयोजित करने के लिए मेरी भागीदारी से सहायता ले सकते है l
  5.  महिला अधिकार विषय पर आपके द्वारा लिखे गए लेख, जानकारी, समीक्षा आदि को साझा करके मेरी भागीदारी वेबसाइट पर प्रकशित कर सकते हैं |

अपनी अलग पहचान बनाइये !

मेरी भागीदारी वेबसाईट पर उपलध लेख सामग्री, महिलाओं को संरक्षित और सुरक्षित महसूस करवाने वाली परिस्थितियों को स्थापित करने वाली व्यवहारिक जानकारी है जो की सभी के लिए निशुल्क है और ऑनलाइन उपलब्ध है | जिसका उपयोग आप भी अपने सोशियाल मीडिया पेज पर जनजागृति लाने के लिए कर सकते है और आप भी अपनी नागरिक जिम्मेदारी पूरी करते हुए घर और बाहर दोनों ही जगहों पर होने वाली महिला प्रताड़ना को रोकने की विधिक जानकारी सभी से साझा करके अपनी अलग सामाजिक पहचान बना सकते हैं । महिलाओं को सशक्त बनाने में अपना सक्रीय सामाजिक योगदान दे सकते है |

क्या फायदा होगा ?

समाज सेवक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आप

  1. आप सभी छोटे से प्रयास से अपने कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ा सकते है
  2. आप महिला अधिकार को संरक्षित और सुरक्षित करने वाले नियम कानून के व्यवहारिक पहलुओं से परिचित होकर अपने आसपास के क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने का सामाजिक योगदान दे सकते है ।
  3.  आपकी सामाजिक पहचान का विस्तार करते हुए आप अपनी पहचान में एक सजग नागरिक होने की पहचाना को जोड़ सकते है l
  4. पीड़ित और व्यथित महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए आवश्यक नियम कानून की जानकारी मेरी भागीदारी वेबसाईट से लेकर सभी को बता सकते है ।
  5. सामाजिक और प्रशासकीय व्यवस्था में नजर आने वाली कमियों को प्रश्नांकित करके उन्हे नियमानुसार प्रतिस्थापित कर सकते हैं ।

मेरा सामाजिक योगदान कैसे बढ़ेगा क्या करना होगा ?

अगर आपके सामने यह अनुत्तरिकत प्रश्न खड़ा है कि, आपका सामाजिक योगदान उल्लेखनीय कैसे बनेगा तो मेरी भागीदारी वेबसाईट पर उपलब्ध विधिक जानकारी आपके लिए कई संभावनाओं को सार्थक बनाने के लिए काम आ सकती है क्योंकि विधिक जानकारी के आधार पर आप आपके आस-पास के बाजार, स्कूल, कालेज, अस्पताल, बैंक और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के लिए आप अपना सक्रिय योगदान दे सकते है जैसे

  1. आप उन सभी सार्वजनिक स्थानों पर जहां शिकायत समिति का गठन नही हुयी है वहां  शिकायत समिति गठन करवाने के लिए पहल करके अग्रणी योगदान दे सकते है |
  2. आप अपने नगर निगम क्षेत्र और नगरीय निकाय क्षेत्र की महिलाओं को महिला संरक्षण के लिए प्राधिकृत किए गए नोडल अधिकारी की जानकारी उपलब्ध करवा सकते हैं ।
  3. आप व्यथित महिलाओं को शक्ति सेंटर और वन स्टॉप सेंटर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवा सकते है l
  4. आप विपरित स्थिति का सामना कर रही महिलाओं को कानूनी संरक्षण हासिल करने की जानकारी देने वाले सामाजिक माध्यम बन सकते हैं l
  5. आप महिला अधिकार को अधिनियमित करने वाले अधिनियमों की जानकारी जन सामान्य तक पहुंचने की महत्वपूर्ण जन भागीदारी दे सकते हैं ।

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 कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर आपका सोशल मीडिया पेज बनाने के टिप्स हासिल करिए, “मात्र 1000 रु” में वर्तमान डिजिटल युग में आपका सोशियाल मीडिया पेज आपकी सामाजिक पहचान के आईना की भूमिका निभाता है इसलिए आप भी अपना सोशल मीडिया पेज प्रोफेशनल डिजायनरों से डिजाइन करने के टिप्स हासिल करिए और सामाजिक महत्व की विभिन्न जानकारियों को जन सामान्य तक पहुंचने के लिए अपना सामाजिक योगदान दीजिए जिसके लिए मेरी भागीदारी समय - समय पर अन्य सामाजिक संस्थाओं और समाज सेवी लोगों के साथ सयुंक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करती है जिसमे अग्रलीखित विषय पर जानकारी साझा की जाती है । 

  1. फेसबुक / सोशियल मिडिया पेज डिजाइन कैसे करें ?
  2. विधि सम्मत लेख सामग्री का संग्रह कैसे करें ?
  3. प्रभावी सोशियाल मीडिया पोस्ट कैसे बनाएं ?
  4. नियम कानून की जानकारी कैसे संकलित करें ?
  5. अपने आसपास की महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए क्या करें । 
  6. विपरित परिस्थिति का सामान कर रही महिलाओं का संरक्षण करने वाले प्राधिकारियों की जानकारी कैसे हासिल करें ?
  7. प्रत्येक कार्यस्थल जैसे बाजार, स्कूल, कालेज, अस्पताल, सहसकीय कार्यालय, नगर निगम कार्यालय आदि सार्वजनिक स्थानों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन और नियमित बैठक करवाने के लिए आवशयक कार्यवाही प्रक्रिया शुरू करवाने की पहल कैसे करें ?

उपरोक्त जानकारी अनुभवी समाज सेवकों से हासिल करिए और प्रोफेशल छवि कायम करने वाला अपना फेसबुक पेज बनाने के टिप्स हासिल करिए 

अगर आप महिला अधिकार और सुरक्षा के विषयों पर अपना योगदान देना चाहते है डेली अपडेट हेतु फ़ॉलोअर बनिए

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छत्तीसगढ़ की सशक्त समाजसेवी महिलाओं को जानकारी उपलब्ध करवाने वाले डिजिटल मंच पर प्रकाशित की गई है सारी जानकारी.............. जानिये कैसे आप भी बन सकती है स्कुल, कॉलेज, अस्पताल, उद्योग, शासकीय कार्यालयों जैसे संस्थान के आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य ........................................................ पढ़िए और जानिए एक सशक्त महिला होने का अवसर आपके पास भी कैसे है ! ................................... उम्र, शैक्षणिक योग्यता, राजनैतिक पद जैसे विषय आपको अपनी सशक्त प्रशासनिक भूमिका बनाने से रोक नहीं सकते हैं .................................. क्योकि महिलाओं के मुद्दों को दृढ़ता से रखने की सक्षमता रखने वाली महिला को आतंरिक परिवाद समिति का सदस्य बनाया जाता है .... नीचे लिखी है पूरी जानकारी 👇👇👇

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आपराधिक कानूनों पर राष्‍ट्रीय वेबिनार ,हाल ही में लागू किए गए आपराधिक कानूनों ‘भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)’ पर आधारित था। यह पहल विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के कल्‍याण के लिए इन परिवर्तनकारी कानूनी बदलावों के बारे में राष्ट्रव्यापी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए है, और इन कानूनों में महिलाओं और बच्‍चों की सुरक्षा, गरिमा और संरक्षा से संबंधित विशेषताओं पर जोर दिया गया।।

  म हिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय इनके  सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरा राष्‍ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया  महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय इन दोनों के  सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरे  राष्‍ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। इसका आयोजन अभी देश में लागू किए गए आपराधिक कानूनों ‘के भारतीय न्याय संहिता (BNS) , भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) , और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) पर आधारित था। यह पहल विशेषत: महिलाओं और बच्चों इन दोनों के कल्‍याण के लिए इन परिवर्तनकारी कानूनी बदलावों के बारे में राष्ट्रव्यापी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए  है। इस प्रकार  का पहला वेबिनार 21 जून , 2024 इस तिथि को आयोजित किया गया था। आज के इस वेबिनार में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व  ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव इन्होने उद्घाटन भाषण दिया। उन्‍होंने अपने इस संबोधन में इन नए आपराधिक कानूनों के प्रमुख प्रावधानों के बारे में पूरी जानकारी दी। पुल...

कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ा कदम

विगत दिंनाक २ सितंबर २०२४ को केंद्र सरकार द्वारा महिला सुरक्षा एवं गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए नियम , कानून को सशक्त बनाया गया है और व्यथित महिलाओंको शिकायत दर्ज कराने के लिए SHe Box शी-बॉक्स नामक इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था स्थापित की गई है , जिसका सह–विस्तार विवरण अग्रलिखित है :  सभी   कार्यस्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करना ! देश में हर एक कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने  केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवीजी  के नेतृत्व में २९ अगस्त २०२४ को आयोजित एक कार्यक्रम में नया शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया है। इस केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण और निगरानी को कारगर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नई दिल्ली में आयोजित इस लॉन्च कार्यक्रम में मंत्रालय की नई वेबसाइट का भी अनावरण किया गया। इन दोनों से ही सरकार की जनता के साथ डिजिटल सहभागिता बढ़ने की उम्मीद है।   केंद्रीय मंत्री ने लॉन्च किया शी-बॉक्स पोर्टल कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ एक ...

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क्या आपने कभी सोचा है कि, महिलायें क्यों पिछड जाती है अगर नहीं सोचा तो सोचिये जरुर क्योंकिनिचे लिखे तिन कारण आपके भी अनुभव का हिस्सा होंगे जिनका निराकरण आपकी पहल से हो सकता इसलिए आप भी अपनी सामाजिक सक्रियता को बढाकर अग्रलिखित तिन अवरोधक परिस्थितियों के निराकरण के अपनी भागीदारी दीजिये

महिलायें क्यों पिछड़ जाति है पहला कारण नियम कानून की जानकारी नहीं होना दूसरा कारण निष्पक्ष सलाहकार का आभाव तीसरा कारण कार्यवाही प्रक्रिया से अवगत करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्त्ता की कमी 1/ नियम कानून की जानकारी नहीं होना इस बात को कहे जाने पर शायद ही दो मत नहीं होगा की महिलाओं को नियम कानून की जानकारी देने का व्यवहारिक तंत्र हमारी शिक्षण व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था में नहीं है जिसके कारण नियम कानून की जानकारी के आभाव में महिलाओं को सुरक्षित और गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाने की शासकीय कार्यवाहियों में महिलाओं की भागीदारी वर्तमान में नहीं के बराबर है जबकि वास्तविकता यह है कि , लैंगिक उत्पीड़न मुक्त कामकाजी वातावरण बनाने के लिए जो शिकायत समिति विधि निर्देशानुसार प्रत्येक कार्यस्थल पर बनाए जाने का प्रावधान है उसमे महिला सदस्यों की संख्या ज्यादा रखकर बहुमत स्थापित किए जाने का विधि निर्देश दिया गया है l 2/ निष्पक्ष सलाहकार का आभाव हमारी सामाजिक और प्रशासकीय व्यवस्था में महिलाओं को निष्पक्ष सलाहकार मिलना आसान नहीं होता है विशेषकर जब महिला किसी भी...

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