सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जनजागरुकत पोस्ट लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या आपने कभी सोचा है कि, महिलायें क्यों पिछड जाती है अगर नहीं सोचा तो सोचिये जरुर क्योंकिनिचे लिखे तिन कारण आपके भी अनुभव का हिस्सा होंगे जिनका निराकरण आपकी पहल से हो सकता इसलिए आप भी अपनी सामाजिक सक्रियता को बढाकर अग्रलिखित तिन अवरोधक परिस्थितियों के निराकरण के अपनी भागीदारी दीजिये

महिलायें क्यों पिछड़ जाति है पहला कारण नियम कानून की जानकारी नहीं होना दूसरा कारण निष्पक्ष सलाहकार का आभाव तीसरा कारण कार्यवाही प्रक्रिया से अवगत करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्त्ता की कमी 1/ नियम कानून की जानकारी नहीं होना इस बात को कहे जाने पर शायद ही दो मत नहीं होगा की महिलाओं को नियम कानून की जानकारी देने का व्यवहारिक तंत्र हमारी शिक्षण व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था में नहीं है जिसके कारण नियम कानून की जानकारी के आभाव में महिलाओं को सुरक्षित और गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण उपलब्ध करवाने की शासकीय कार्यवाहियों में महिलाओं की भागीदारी वर्तमान में नहीं के बराबर है जबकि वास्तविकता यह है कि , लैंगिक उत्पीड़न मुक्त कामकाजी वातावरण बनाने के लिए जो शिकायत समिति विधि निर्देशानुसार प्रत्येक कार्यस्थल पर बनाए जाने का प्रावधान है उसमे महिला सदस्यों की संख्या ज्यादा रखकर बहुमत स्थापित किए जाने का विधि निर्देश दिया गया है l 2/ निष्पक्ष सलाहकार का आभाव हमारी सामाजिक और प्रशासकीय व्यवस्था में महिलाओं को निष्पक्ष सलाहकार मिलना आसान नहीं होता है विशेषकर जब महिला किसी भी...

कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम, 2013 के संबंध में आधारभूत जानकारी :-

  1) कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन को रोकने के लिये शासन ने क्या कुछ किया है ? उत्तर - हाँ शासन ने 22 अप्रैल , 2013 को एक अधिनियम बनाया है जिसका नाम - महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण , प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम , 2013 2) शासन ने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण , प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम , 2013 अधिनियम क्यों बनाया है ? कार्य स्थल पर महिलाओ के मान-सम्मान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य प्राप्ति के लिए और महिला सम्मान को संरक्षित करने वाले कानून को प्रतिस्थापित कर प्रशासनिक तंत्र के प्राधिकारो को एक अधिनियम में संकलित करने के लिए यह अधिनियम शासन ने यह बनाया है | 3) इस अधिनियम में किन-किन विषयों पर कार्यवाही करने के विधि निर्देश है ? महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवादों के निवारण तथा प्रतितोषण और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम में स्पष्ट विधि निर्देश दिया है ऐसी समस्याओ का सामना करने के लिए महिलाये इस अधिनियम का सहारा ले सकती हैं | 4) इस अधिनियम से महिला...

कर्मचारी अर्थात कौन ? किसी कार्यस्थल पर किसी कार्य के लिए या तो सीधे या किसी अभिकर्ता के माध्यम से, जिसके अंतर्गत कोई ठेकेदार भी है. प्रधान नियोजक की जानकारी से या उसके बिना, नियमित, अस्थायी तदर्थ या दैनिक मजदूरी के आधार पर, चाहे पारिश्रमिक पर या उसके बिना, नियोजित है

प्रश्न / कौन - कौन से कर्मचारियों के प्रतिनिधि आंतरिक परिवाद समिति के सदस्य होंगे ? ------------------------------- महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा 2 (च) में कर्मचारी शब्द को परिभाषित किया गया और स्पष्ट कर दिया गया है कि, किन - किन कर्मचाइयों का प्रतिनिधि आंतरिक परिवाद समिति का सदस्य होगा । धारा 2 (च)  "कर्मचारी" से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है, जो किसी कार्यस्थल पर किसी कार्य के लिए या तो सीधे या किसी अभिकर्ता के माध्यम से, जिसके अंतर्गत कोई ठेकेदार भी है . प्रधान नियोजक की जानकारी से या उसके बिना, नियमित, अस्थायी तदर्थ या दैनिक मजदूरी के आधार पर, चाहे पारिश्रमिक पर या उसके बिना, नियोजित है या कि आधार पर या अन्यथा कार्य कर रहा है, चाहे नियोजन के निबंधन अभिव्यक्त या विवक्षित हैं या नहीं और इसके अंतर्गत कोई सहकर्मकार, कोई संविदा कर्मकार, परिवीक्षाधीन शिक्षु प्रशिक्षु या ऐसे किसी अन्य नाम से ज्ञात कोई व्यक्ति भी है 

अगर आप महिला अधिकार और सुरक्षा के विषयों पर अपना योगदान देना चाहते है डेली अपडेट हेतु फ़ॉलोअर बनिए