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विपरित परिस्थितियों का सामना कर रही महिलाओं के लिए सरकार ने कारगर व्यवस्था की है जिसके कारण ऐसी महिलाओं को त्वरित सहायता मिल जाती है जो विपदाओं और समस्याओं से ग्रसित है व्यवस्थाओं से सम्बंधित मुख्य बिंदु निचे दिए गए हैं

महिलाओं की सुरक्षा के विषय पर, श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी ने उत्तर दिया क)-      आश्रय गृहों में महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और भलाई का सरकार बहुत ध्यान रखती है। ख)-     नए स्वीकृत मिशन शक्ति के तहत कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के लिए स्वाधार गृह और दुर्व्यापर की रोकथाम के लिए उज्जवला गृह को विलय कर दिया गया है और इसका नाम बदलकर शक्ति सदन कर दिया गया है , जो संकट की स्थिति और कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के लिए एक एकीकृत राहत और पुनर्वास गृह है। ग)-   शक्ति सदन और वन स्टॉप सेंटर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस थानों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (एएचटीयू) / महिला हेल्प डेस्क (डब्ल्यूएचडी). एनजीओ के नेटवर्क , महिला समूहों और अन्य के साथ नजदीकी समन्वय में काम करते हैं । सन्दर्भ :- भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय लोक सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 2963 दिनांक 17 मार्च , 2023 को उत्तर के लिए विषय आश्रय गृहों में यौन उत्पीड़न प्रश्न संख्या 2963 प्रश्नकर्ता सांसद श्री भोलानाथ ' बी.पी. सरोज ': के प्रश्न पर ...

बेहद नुकसानदायक है लैंगिक उत्पीड़न वाला कामकाजी माहौल...

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के निवारण का महत्वपूर्ण स्थान होता है । यौन उत्पीड़न भेदभाव का एक गंभीर रूप है ,  और इसे बरदाश्त नहीं करना चाहिए ,  क्योंकि यह काम में समानता का अवमूल्यन है और काम करने वालों की इज्जत ,  गरिमा और सलामती के खिलाफ है। सभी अधिकारियों ,  कर्मचारियों और मजदूरों को चाहे महिला हो या पुरुष ,  ऐसे कार्यस्थल पर काम करने का अधिकार है ,  जो सुरक्षित ,  आजाद ,  भेदभाव व हिंसा से मुक्त हो और महिलाओं के लिए अपनी जिम्मेदारियां निभाने में सहायक हो ,  क्योंकि कार्यस्थल ऐसा स्थान है जहां वे अपने दिन का ज्यादातर समय बिताते हैं। यौन उत्पीड़न वाला कामकाजी वातावरण बेहद नुकसानदायक साबित होता है   यौन उत्पीड़न के बाद उसके शिकार व्यक्ति पर बहुत गहरा नकारात्मक असर पड़ता है। उसे मानसिक पीड़ा ,  शारीरिक पीड़ा और व्यवसायिक घाटे झेलने पड़ते हैं। जो कर्मचारी यौन उत्पीड़न का शिकार होता है ,  उसकी क्षमता के विकास की संभावना बहुत कम हो जाती है। इसका नकारात्मक असर सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता बल्कि पूरे संस्थान में काम...

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