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किलकारी योजना मोबाइल-आधारित सेवा है, जो गर्भवती माताओं के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य लाभार्थियों को सीधे गर्भावस्था, प्रसव और शिशु देखभाल के बारे में संदेश देकर उन्हें नवजात शिशु की देखभाल हेतु स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह एक ध्वनि-आधारित सेवा है और इसलिए ग्रामीण भारत की साक्षरता चुनौतियों के बाद भी सहायता करने में सक्षम है

  किलकारी योजना पर अपडेट प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल पर जितनी भी महिलाए पंजीकृत हुई है , उन  महिलाओं को किलकारी योजना के माध्यम से संवादात्मक ध्वनि प्रतिक्रिया के जरिये गर्भावस्था , प्रसव और बच्चे की देखभाल के बारे में मुफ्त व साप्ताहिक अंतराल में समय-समय पर आवश्यक श्रव्य संदेश दिए जाते हैं,  और किलकारी योजना वर्तमान में २०   राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है गर्भवती माताओं के लिए  किलकारी कार्यक्रम १५   जनवरी , २०१६  को डिजिटल इंडिया पहल के एक भाग के रूप में यह एक नई मोबाइल-आधारित सेवा है , जो गर्भवती माताओं के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य इन सभी लाभार्थियों को यानी सभी पंजीकृत महिलाओं को  सीधे गर्भावस्था , प्रसव और शिशु देखभाल के बारे में संदेश देकर उन्हें नवजात शिशु की देखभाल हेतु स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह सेवा  ध्वनि-आधारित सेवा है और इसलिए यह सेवा ग्रामीण भारत की साक्षरता चुनौतियों के बाद भी सहायता करने में सक्षम है। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल पर पंजीकृ...

एक लैंगिक न्यायपूर्ण समाज को बढ़ावा देने तथा विभिन्न डोमेन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण तथा महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा में सुधार के लिए अनेक वर्षों में उठाए कदम और योजनओंकी जानकारी

भारत सरकार लैंगिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध महिलाओं के शैक्षिक , सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए जीवन-चक्र निरंतरता आधार पर मुद्दों के समाधान के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण लैंगिक न्याय सरकार की एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है जैसा कि भारत के संविधान में निहित है। एक लैंगिक न्यायपूर्ण समाज को बढ़ावा देने तथा विभिन्न डोमेन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण तथा महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा में सुधार के लिए अनेक वर्षों में कदम उठाए गए हैं।   इनमें ·         आपराधिक कानूनों और विशेष कानूनों जैसे घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम , 2005; ·         दहेज निषेध अधिनियम , 1961 ·         बाल विवाह निषेध अधिनियम , 2006 ·         महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम , 1986 ·         महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम , निषेध और निवार...

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